मुद्रा MUDRA किसे कहते है

Mudra kise kahte hai

मुद्रा Mudra

जिसमें विनिमय का साधन, संचय का साधन, क्रय की क्षमता होती है Mudra कहलाती है। प्रारंभिक अवस्था में जब Mudra अस्तित्व में नहीं थी तब वस्तु विनिमय प्रणाली चला करती थी इस प्रणाली में एक वस्तु के स्थान पर दूसरी वस्तु लेनदेन में उपयोग होती थी यदि किसी को चावल चाहिए होते तो उसे बदले में गेहूं देने होते थे

इसे c-c economy भी कहा जाता था वस्तु विनिमय प्रणाली को खत्म करने के लिए ही Mudra का उपयोग किया गया 

वैदिक काल में गाय Mudra के रूप में उपयोग में लाया गया उसके बाद निष्क आभूषण उपयोग में लाया गया 

धातु मुद्रा प्रचलन में आने पर धातु के सिक्के उपयोग में लाए जाने लगे जिन्हें पचमार्क या आहत सिक्के कहते थे 

भारत में indo-greek आए थे उन्होंने सबसे पहले सोने के सिक्के मुद्रा में उपयोग किए लेकिन इनके द्वारा बनाए गए सिक्के शुद्ध सोने के सिक्के नहीं थे सबसे पहले सबसे शुद्ध सोने के सिक्के कुषाण शासकों ने चलाएं

लेकिन सर्वाधिक सोने के सिक्के गुप्त शासकों द्वारा चलाए गए इसके बाद धीरे-धीरे पत्र मुद्रा का प्रचलन बढ़ा 18वीं शताब्दी में पत्र मुद्रा का भारत में प्रचलन बढ़ा

Mudra के प्रकार 

प्लास्टिक मुद्रा 

कार्ड एटीएम क्रेडिट कार्ड 

हार्ड मुद्रा 

जब किसी मुद्रा की मांग अधिक पूर्ति कम हो 

सॉफ्ट मुद्रा 

मांग कम हो पूर्ति अधिक हो 

हॉट मुद्रा

पलायन की क्षमता (विकसित देश)

विधि ग्राहय मुद्रा

ऐसी मुद्रा जो भुगतान करने वाला तथा भुगतान लेने वाला बाध्य होता है

काला धन

ऐसा धन जो अधिकारियों से छुपा कर रखा जाता है

काला बाजार 

बाजार में किसी वस्तु का अभाव पैदा करके उसे दामों पर बेचना ही कालाबाजारी कहलाती है

Mudra kise kahte hai what-is-mudra-economics

भारतीय मुद्रा का इतिहास

सर्वप्रथम भारत में शेर शाह सूरी ने सिक्को को रुपए का नाम दिया और इन्हें चलन में लाया

भारत में ₹2 तथा उससे अधिक के मुद्रा का प्रचलन आरबीआई द्वारा किया जाता है

RBI द्वारा निर्धारित करेंसी 

M1

जो मुद्रा बाजार में घूमती है इनको RBI द्वारा चार प्रकार से निर्धारित किया जाता है 

M 1 =C + DD + OD

C =  बाजार में उपयोग होने वाली गैस करेंसी को दर्शाती है

DD = बैंकों के पास saving account में जमा धन

OD = आरबीआई के पास जो बैंकों द्वारा जमा है

M1 के द्वारा जो मुद्रा बाजार में सबसे ज्यादा प्रचलन में होती है उसे दर्शाया जाता है

M2 

डाकघर के सेविंग अकाउंट में जो जमा पैसे हैं उन्हें M1 में जोड़ने पर हमें M2 प्राप्त होता है

M2 = M1 +  डाकघर के सेविंग अकाउंट में जो जमा पैसे

M3 

बैंकों के पास समस्त अन्य जमा 

M4 

M1 + डाकघर में समस्त जमा

तरलता के स्तर पर क्रम

M1 > M2 > M2 > M3 > M3 > M4

सर्वाधिक मुद्रा – M3

संकुचित मुद्रा  – M1

भारत में मुद्रा का इतिहास

भारत में पहले Mudra में आना प्रणाली थी इसे 1957 में बदलकर दशमलव पद्धति कर दिया गया

 तथा 16 आना 100 पैसे के बराबर हो गया जब यह पैसा आया तो इसे नया पैसा कहा गया 1964 में इसे नए पैसे से बदलकर सिर्फ पैसा कर दिया गया 

इस समय सबसे छोटी मुद्रा 50-paise तथा सबसे बड़ी मुद्रा 2000 का नोट है

Mudra का प्रतीक चिन्ह

सन 2010 में एक कमेटी बनाई गई जिसकी अध्यक्ष थोरार थी इस कमेटी का कार्य भारत की Mudra के लिए लोगो डिसाइड करना था 

इसके लिए इन्होंने निवेदन प्रस्तावित किया इस निवेदन में डी उदय कुमार ने भाग लिया यह तमिलनाडु के निवासी थे और मुंबई आईआईटी के छात्र थे

इन्होंने 2 शब्दों को मिलाकर रुपए का चिन्ह बनाया

रोमन अक्षर – R

देवनागरी अक्षर – र

साख मुद्रा

इसमें चेक ड्राफ्ट तथा विनिमय पत्र आते हैं यह Mudra पत्र मुद्रा से ज्यादा चलन में आने लगी है

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